इंदौर के महाराज ने शेख के रूप में लिया पुनर्जन्म ?
दैनिक भास्कर में खबर थी....इंदौर के महाराज ने शेख के रूप में लिया पुनर्जन्म ?
क्या होलकर राजवंश के वंशज और इंदौर के पूर्व शासक महाराज यशवंत राव होलकर द्वितीय ने पुनर्जन्म लिया है। कुछ लोगों को यह बात भले ही किस्सा लगे, लेकिन कतर के एक अरबपति शेख के लिए यह सच्चाई है।
कतर के सत्तारूढ़ अमीर का चचेरा भाई शेख सौद बिन अल-थानी खुद को इंदौर के पूर्व शासक यशवंतराव होलकर का पुनर्जन्म मानता है। दरअसल अल-थानी ने अमेरिकी कलाकार मैन रे द्वारा बनाए गए होलकर के एक चित्र को कुछ साल पहले देखा था। तभी से वह खुद को महाराज यशवंत का दूसरा जन्म मानने लगा। 1961 में महाराज यशवंत के निधन के पांच साल बाद पैदा हुए शेख अल-थानी और पूर्व शासक में काफी समानताएं हैं।
दोनों का चेहरा गोल है,माथा चौड़ा है,नाक पतली है और पेंसिल मूंछें हैं। शेख अल-थानी पर अपने ‘पिछले जन्म’ से जुड़ी वस्तुओं को इकट्ठा करने की धुन सवार है। इस पर वे लाखों रुपए भी खर्च कर रहे हैं। अल-थानी होलकर वंश से जुड़ी चीजों को इकट्ठा करने के लिए कुछ साल पहले इंदौर भी आए थे।
इंदौर के पूर्व प्रधानमंत्री सिरेमल बाफना के पड़पोते उपेंद्र बाफना ने बताया,‘कुछ साल पहले एंटीक वस्तुओं के कुछ डीलरों ने महाराज यशवंतराव से जुड़ी चीजों को इकट्ठा करने में मेरी मदद मांगी थी। बाद में पता चला कि ये लोग शेख अल-थानी के लिए ये चीजें इकट्ठा कर रहे हैं।
’लाखों डॉलर खर्च किए : इंदौर के इतिहासकार और आर्ट डीलर राजेंद्र सिंह ने बताया कि अल-थानी ने होल्कर वंश से जुड़ी पुरानी चीजों को खरीदने में लाखों डॉलर खर्च किए हैं। इनमें पुरानी तस्वीरें,दुर्लभ रत्न, कारें,कपड़े और फर्नीचर आदि शामिल हैं।
कुछ ऐसे हैं अल-थानी
शेख अल-थानी को अपनी अपार दौलत के साथ ही कला प्रदर्शनियों में चीजों को किसी भी कीमत पर खरीदने के लिए जाना जाता है। कभी-कभी तो वे प्रदर्शनी के पूरे कलेक्शन को अनुमानित कीमत से कहीं अधिक दाम पर खरीद लेते हैं। उन्होंने मार्च में पेरिस में आयोजित क्रिस्टीज की प्रदर्शनी में जर्मन डिजायनर एकार्ट मुथेसिअस द्वारा यशवंतराव होलकर के लिए बनाई गई सभी चीजें खरीद लीं।
शेख ने इंदौर के राजपरिवार के लिए बनाई गई एक बुक शेल्फ और दो लैंपों को खरीदने के लिए 15 लाख डॉलर तक खर्च कर दिए। वे पूर्व महाराज की तरह हूबहू पोज में तस्वीरें खिंचवाते हैं और इसके लिए एक सेशन पर हजारों डॉलर खर्च कर देते हैं।
दोहा में उनका अल वहाब एस्टेट यशवंतराव के आधिकारिक निवास माणिकबाग की तर्ज पर बना हुआ है।