शुक्रवार, 22 जुलाई 2011

लो...कल्लो बात ....

इंदौर के महाराज ने शेख के रूप में लिया पुनर्जन्म ?


दैनिक भास्कर में खबर थी....इंदौर के महाराज ने शेख के रूप में लिया पुनर्जन्म ?

क्या होलकर राजवंश के वंशज और इंदौर के पूर्व शासक महाराज यशवंत राव होलकर द्वितीय ने पुनर्जन्म लिया है। कुछ लोगों को यह बात भले ही किस्सा लगे, लेकिन कतर के एक अरबपति शेख के लिए यह सच्चाई है।
कतर के सत्तारूढ़ अमीर का चचेरा भाई शेख सौद बिन अल-थानी खुद को इंदौर के पूर्व शासक यशवंतराव होलकर का पुनर्जन्म मानता है। दरअसल अल-थानी ने अमेरिकी कलाकार मैन रे द्वारा बनाए गए होलकर के एक चित्र को कुछ साल पहले देखा था। तभी से वह खुद को महाराज यशवंत का दूसरा जन्म मानने लगा। 1961 में महाराज यशवंत के निधन के पांच साल बाद पैदा हुए शेख अल-थानी और पूर्व शासक में काफी समानताएं हैं।
दोनों का चेहरा गोल है,माथा चौड़ा है,नाक पतली है और पेंसिल मूंछें हैं। शेख अल-थानी पर अपने ‘पिछले जन्म’ से जुड़ी वस्तुओं को इकट्ठा करने की धुन सवार है। इस पर वे लाखों रुपए भी खर्च कर रहे हैं। अल-थानी होलकर वंश से जुड़ी चीजों को इकट्ठा करने के लिए कुछ साल पहले इंदौर भी आए थे।
इंदौर के पूर्व प्रधानमंत्री सिरेमल बाफना के पड़पोते उपेंद्र बाफना ने बताया,‘कुछ साल पहले एंटीक वस्तुओं के कुछ डीलरों ने महाराज यशवंतराव से जुड़ी चीजों को इकट्ठा करने में मेरी मदद मांगी थी। बाद में पता चला कि ये लोग शेख अल-थानी के लिए ये चीजें इकट्ठा कर रहे हैं।
लाखों डॉलर खर्च किए : इंदौर के इतिहासकार और आर्ट डीलर राजेंद्र सिंह ने बताया कि अल-थानी ने होल्कर वंश से जुड़ी पुरानी चीजों को खरीदने में लाखों डॉलर खर्च किए हैं। इनमें पुरानी तस्वीरें,दुर्लभ रत्न, कारें,कपड़े और फर्नीचर आदि शामिल हैं।
कुछ ऐसे हैं अल-थानी
शेख अल-थानी को अपनी अपार दौलत के साथ ही कला प्रदर्शनियों में चीजों को किसी भी कीमत पर खरीदने के लिए जाना जाता है। कभी-कभी तो वे प्रदर्शनी के पूरे कलेक्शन को अनुमानित कीमत से कहीं अधिक दाम पर खरीद लेते हैं। उन्होंने मार्च में पेरिस में आयोजित क्रिस्टीज की प्रदर्शनी में जर्मन डिजायनर एकार्ट मुथेसिअस द्वारा यशवंतराव होलकर के लिए बनाई गई सभी चीजें खरीद लीं।
शेख ने इंदौर के राजपरिवार के लिए बनाई गई एक बुक शेल्फ और दो लैंपों को खरीदने के लिए 15 लाख डॉलर तक खर्च कर दिए। वे पूर्व महाराज की तरह हूबहू पोज में तस्वीरें खिंचवाते हैं और इसके लिए एक सेशन पर हजारों डॉलर खर्च कर देते हैं।
दोहा में उनका अल वहाब एस्टेट यशवंतराव के आधिकारिक निवास माणिकबाग की तर्ज पर बना हुआ है।

मंगलवार, 12 जुलाई 2011

मालवी चुटुकला हे हे हे हे ......

मालवी चुटुकला

फिल्म टाइटल होण का मालवी वर्जन

3 इडियट - तीन गेले

द टीम - अपने पट्ठे

सोल्जर - पेलवान

बल्फ़मास्टर - गुरुघंटाल

बेवफा सनम - चोट कर दी यार

मिशन इम्पॉसिबल - म्हारे से नि होय

राजू बन गया जेंटलमेन - राजू सन्ना गया

हम साथ साथ हैं - अपन सब भाई होण एक हां

पत्रिका से साभार

शनिवार, 9 जुलाई 2011

सलाम... मालवा

सलाम... मालवा (मालवा की कहानी – झंडो की जुबानी)

एक राष्ट्र के महत्वपूर्ण प्रतीकों में सबसे प्रमुख होता है ध्व यह साहस और स्वतंत्रता का प्रतीक होता है एक ध्वज से पता चलता है कि उस राष्ट्र का अतीत क्या था...

मालवा के शासको के झंडे भी अतीत की जीवंत यात्रा कराते है...

सेंट्रल इंडिया एजेंसी (मालवा) ब्रिटिश राज मे एक राजनीतिक इकाई थी जो पूरी तरह से उस समय के रियासतो से बनी थी ….. मालवा एजेंसी के प्रमुख राज्य थे इंदौर, ग्वालियर, टोंक, जावरा, रतलाम, सीतामऊ, सैलाना, जोबट, अलीराजपुर, बड़वानी, धार, देवास, खिलचीपुर, झाबुआ

अलीराजपुर

11 तोपों की सलामी

क्षेत्रफल था 2165 km2


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बड़वानी

11 तोपों की सलामी

क्षेत्रफल 3051 वर्ग किलोमीटर

1500 से पहले स्थापित

"बड़वानी राज्य का झंडा चोकोर गहरे लाल रंग का था। जिसके के निचले केंद्र में आधा चाँद और सूरज दिखाई देता है वहाँ एक घुमावदार चाकू है ह सब सुनहरे रंग का था"

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देवास

15 तोपों की सलामी

क्षेत्रफल जूनियर 1,085 वर्ग किलोमीटर,

सीनियर -1,163 वर्ग किलोमीटर

1728 स्थापित

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धार

क्षेत्रफल 1,730 वर्ग मील (1941)

आबादी ( 1,325,000) (1931)






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इंदौर

19 तोपों की सलामी
क्षेत्रफल ,९०२ वर्ग मील 25646 sq.km (1931)

इंदौर, सेंट्रल इंडिया एजेंसी की राजधानी था. यह 1715 में स्थापित किया गया था ब्रिटिश आधिपत्य 1818 में स्वीकार किया

1728 में पूना के पेशवा ने अपने एक घुड़सवार फ़ौज कमांडर मल्हार राव होलकर, को इंदौर दान मे दिया था...


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खिलचीपुर

क्षेत्रफल 273 वर्ग मील

स्थापना 1544 मे एक खिची राजपूत दीवान उग्रसेन द्वारा




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जावरा

क्षेत्रफल 2000 वर्ग किमी

आबादी 10000



यह राज्य
1818 मे अब्दुल जफर मुहम्मद खान अफगान वंश के एक मुस्लिम द्वारा स्थापित किया गया था वह पिंडारी नेता आमिर खान की फ़ौज मे सेवारत एक घुड़सवार अधिकारी था। बाद मे इसने इंदौर के होल्कर महाराजा को सेवा दी उत्तरी मावा में राजपूत प्रदेशों को जीतने और उनकी भू मि पर कब्जा करने के एवज मे उसे 1808 में नवाब का खिताब दिया गया था। 1818 मे एक संधि के तह यह ब्रिटिश अधीन हो गया

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झाबुआ

11 तोपों की सलामी क्षेत्रफल 3460 वर्ग किलोमीटर

राजा केशवदास राठौर द्वारा 1600 में स्थापित


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नरसिंगगढ़


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रतलाम

क्षेत्रफल 902 वर्ग मील


लंबे समय तक रतलाम सूर्यवंशी राठोर के अधीन रहा। यह शहर राजपूताना - मालवा रेलवे जंक्शन था, और एक महत्वपूर्ण व्यापार केन्द्र, विशेष रूप से अफीम का।

* The Burning Train फिल्म में रतलाम पहला रेलवे स्टेशन होता है जहां अधिकारियों को एहसास होता है कि ट्रेन को रोक नहीं सकते


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सैलाना

क्षेत्रफल 769 sq.km

राज्य की स्थापना 1736 में



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साभार - Encyclopædia Britannica, विकिपीडिया, Imperial Gazetteer of India, Henry Soszynski, दीवान जरमनी दास, uqconnect.net, royalark.net, Indian Princely States,नईदुनिया, दैनिक भास्कर






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