होई है सोई....
मथुरा के कलेक्टर रहे मिस्टर ग्राउस पक्के रामायणी थे...एक बार उनके अदालत में एक अपराधी लाया गया...जिरह के दौरान अपराधी ने यह सोचकर कि ग्राउस महोदय प्रसन्न होकर उन्हें मुक्त कर देंगे, यह कहा -
होईहैं सोई जो राम रची राखा ।
को करि तर्क बढ़ावहि साखा ।।
ग्राउस साहब ने उसकी चौपाई कि जवाब कुंछ यूँ दिया -
कर्म प्रधान विश्व करि राखा।
जो जस करसि सो तस फल चाखा।।
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