इसमें 700 किस्म के 5700 गुलाब रखे गए।
यहाँ पर ग्रीन आइस, प्ले बॉय, बॉयज द ग्रेट, जेना, ग्रेडिएटर, टीपूसफ्लेम, ग्रीन स्लीव्ज गुलाबों की किसमे प्रदर्शित की गयी। महकलोगों को आकर्षित कर रही थी।
नई वैरायटी के गुलाब जैसे पिंक नेबल, मसाई और प्लेन टॉक भी दिखाई दिये।मालवा की गुलाबी ठंड में जहां गुला बों की बहार थी वहीं नई वैरायटी के गुलाब केबारे मे लोग पूछताछ करते दिखे।
मैं हूँ ..नाम-गोत्र से रहित गुलाब .....
गुलाब तुम कितन अच्छे हो ! काँटों में भी खिल उठते हो, सबसे मुस्काकर मिलते हो। कभी नही करते हो शिकायत, आए चाहे लाख मुसीबत। उपवन की हो शान, सभी को महक लुटाते हो। ...
वह गुलाब की लाल कली फिर कुछ शरमा कर, साहस कर, बोली....
इसको यों ही खेल समझ कर फेंक न देना, है यह प्रेम-भेंट पहली....
लाल गुलाब का फूल प्रेम का प्रतीक माना जाता है इसलिए वैलेंटाइन डे पर सबसे अधिक माँग इसी फूल की रहती है। ब्रिटिश लोग इस एक दिन में फूलों पर साढ़े तीन करोड़ पाउंड खर्च कर देते हैं। ख़रीदे जाने वाले फूलों में लाल गुलाबों की संख्या लगभग एक करोड़ होती है।
एक पुष्प में सभी पुष्प, सब किरणें एक किरण में....
हम भी है, तुम भी हो, दोनों है, आमने सामने ......
मैं हूँ ....सफ़ेद, न तो उदास, न प्रसन्न, बस सफ़ेद.... मैं लगातार कहता रहता हूँ मैं हूँ सफ़ेद...
तुझे देखकर जगवाले पर यकीन नहीं क्यु कर होगा....
जिसकी रचना इतनी सुंदर वो कितना सुंदर होगा...
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