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भोपाल की माँड़ना चित्रकार रेणु गुन्देचा की चित्रो की तीन दिवसीय प्रदर्शनी, 7-8-9-जनवरी को प्रितमलाल दुआ सभाग्रह इंदौर मे आयोजित की गयी।
माँड़ना, मालवा की प्रसिद्ध चित्रकला है, जो त्योहारो मांगलिक अवसरो पर रीति रिवाजो के अनुसार बनाए जाते है। इसमे लाल मिट्टी या गोबर के ऊपर, सफ़ेद रंगो से भिन्न भिन्न आकृतिया जैसे, मोर,
बिल्ली,
शेर,
बावड़ी,
स्वस्तिक आदि बनाए जाते है । संजा,
मालवा का एक पारंपरिक त्योहार है,
जिसमे लड़कीया दीवारों पर गोबर से अपने पूर्वजो की याद मे विभिन्न आकृतिया बनाती है।मालवा की यह क़ला,
अपने जटिल एवं सुंदर ब्रश वर्क के लिए जानी जाती है। गुजरात और राजस्थान से सटे होने के कारण माँड़ना कला पर, इन प्रदेशो की संस्कृति की छाप भी परिलक्षित होती है।
रेणुजी ने, माँड़ना को नए आकार प्रकार से विस्तार देने का प्रयत्न किया है। प्रस्तुत चित्र श्रंखला मे इन्होने केनवास पर एक्रेलिक रंगो का प्रयोग किया है,लेकिन मूल रंग व्यवहार वो ही रखा है। कही कही, नए रंगो को भी अपनाने की वृत्ति देखी गयी है।
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