हे ..हे..हे....
'हम इतनी बड़ी बन्दगोभी पैदा करते हैं कि एक के नीचे सिपाहियों की एक बटालियन विश्राम कर सकती है' -पंजाबी ने शान मारी।
'ये तो कुछ भी नी है भिया...।' एक मालवी ने उत्तर दिया - 'हम तांबे की इत्ती बड़ी देगची बनाते हैं, कि भिया उस पे एक हज्जार आदमी ठोक पीट करते हैं। फिर भी वे इत्ती दूर होते हैं कि एक दूसरे के हथौड़े की धमधम नी सुन पाते।'
पंजाबी खुलकर हंसा- 'पर इतनी बड़ी देगची का कोई क्या करेगा?'
'क्यों? तुम्हारी पत्तागोभी काय पे पकाओगे।'।'
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